Lucknow | Uttar Pradesh
उत्तर प्रदेश की राजधानी Lucknow गोमती नदी के किनारे बसा है। नवाबों के शहर के नाम से मशहूर Lucknow जहाँ हर जगह नवाबी शानोशौकत की छाप देखी जा सकती है। वैसे भी इस शहर का इतिहास बहुत पुराना है इसलिए समय के साथ इस के नाम में भी बदलाव आए। पहले इस का नाम लक्ष्मणपुरी फिर लखनपुरी और बाद में Lucknow हो गया।
1775 से 1856 तक Lucknow अवध रियासत की राजधानी था। तब यहां पर अवध की तहजीब और अदब का विकास हुआ। नवाबों की बनवाई कई इमारतें आज भी लखनऊ में मौजूद हैं। यहां केवल ऐतिहासिक इमारतें ही देखने लायक नहीं हैं बल्कि यहां की चिकनकारी, नवाबी तहजीब, मुगलई खाना, आभूषण और चांदी का वर्क आदि भी मशहूर हैं।
बड़ा इमामबाड़ा Bara Imambara
Address: Machchhi Bhavan, Lucknow, Uttar Pradesh 226003
चारबाग रेलवे स्टेशन से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बड़ा इमामबाड़ा वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है। इस के एक छोर पर कागज फाड़ने की जैसी कम आवाज को भी दूसरी तरफ से सुना जा सकता है। इस इमारत का निर्माण नवाब आसिफुद्दौला ने 1784 में अकाल से अपनी जनता को राहत देने के लिए करवाया था। करीब 50 फुट लंबा और 16 फुट ऊंचा हाल, बगैर किसी खंभे के सहारे पर टिका है। यह भवन भूलभुलैया के नाम से भी जाना जाता है। बड़ा इमामबाड़ा सुबह 6 से शाम 5 बजे तक खुला रहता है।
छोटा इमामबाड़ा Chota Imambara
Address: Tahseen Ganj, Husainabad, Lucknow, Uttar Pradesh 226003
इसे हुसैनाबाद के इमामबाड़े के नाम से भी जाना जाता है। यह बड़े इमामबाड़े से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस का निर्माण 1837 में मोहम्मद अली शाह ने करवाया था। दूर से इस इमामबाड़े का बाहरी नक्शा ताजमहल जैसा दिखता है। इस में नहाने के लिए एक खास किस्म का हौज बनाया गया था जिस में गरम और ठंडा पानी एकसाथ आता था। इस इमारत में शीशे के लगे हुए झाड़फानूस बेहद खूबसूरत हैं।
रूमी दरवाजा Rumi Darwaza
Address: 17/11, Hussainabad Road, Lajpat Nagar Colony, Lajpat Nagar, Machchhi Bhavan, Lucknow, Uttar Pradesh 226003
इस का निर्माण भी नवाब आसिफुद्दौला ने करवाया था। इस को तुर्किश गेटवे के नाम से भी जाना जाता है। इस विशाल दरवाजे की ऊंचाई 60 फुट है। इस दरवाजे के निर्माण में कहीं भी लकड़ी या लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
घड़ी मीनार Clock Tower
Address: Husainabad, Lucknow, Uttar Pradesh 226003
रूमी दरवाजे से कुछ कदमों की दूरी पर घड़ी मीनार है। इस का निर्माण अंगरेजों ने 1881 में करवाया था। 67 मीटर ऊंची इस मीनार पर यूरोपियन स्टाइल में की गई नक्काशी इसे कुछ अलग आकर्षण देती है। यहां लगी घड़ी के डायल 12 पंखडि़यों वाले फूल की तरह नजर आते हैं, पेंडुलम लगभग 14 फुट लंबा है।
पिक्चर गैलरी Picture Gallery
Address: Husainabad, Lucknow, Uttar Pradesh 226003
घड़ी मीनार से कुछ दूर आगे चल कर पिक्चर गैलरी है जिस में अवध के नवाबों के तैलचित्र लगे हैं। इस से नवाबी संस्कृति का पता चलता है।
रेजीडेंसी The Residency
Address: Mahatma Gandhi Marg, Deep Manak Nagar, Qaisar Bagh, Lucknow, Uttar Pradesh 226001
इस भवन का निर्माण भी नवाब आसिफुद्दौला ने करवाया था। इस इमारत को बनाने की शुरुआत 1780 में हुई थी और 1800 में बन कर तैयार हुई। 1857 में आजादी की लड़ाई के बाद अंगरेजों ने इस पर कब्जा कर लिया और इस में अपना निवास बनाया तो इस का नाम रेजीडेंसी पड़ गया। इस इमारत की दीवारें आजादी की लड़ाई की गवाह हैं। यहां एक कब्रगाह है जिस में गदर के दौरान मारे गए लोगों को दफनाया गया है। यह सुबह 9 से शाम साढ़े 5 बजे तक खुला रहता है।
शहीद स्मारक Shaheed Smarak
Address: Mahatma Gandhi Marg, Mukarimnagar, Qaisar Bagh, Lucknow, Uttar Pradesh 226001
यह स्मारक 1857 में शहीद हुए वीरों की याद में गोमती नदी के किनारे बनाया गया है। यहां फूलों से लिखा शहीद स्मारक देखने लायक है।
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